आज वर्तमान समय में ख्रीष्टीय लोग विभिन्न प्रकार से सताव का सामना कर रहे हैं। वे अपने परिवार, समाज व विभिन्न संगठनों के द्वारा सताव का समाना कर रहे हैं। जिसमें से कई लोग ने अपने प्राणों की कीमत भी चुकाई है। जब हम इन सब घटनाओं को सुनते हैं, हम दुःखी होते हैं। कई बार पीड़ित लोग निराशा की सीमा को पार कर मानसिक अवसाद की चपेट में जाते हैं। सताव के मध्य में ऐसी परिस्थिति का सामना करने निम्न बातें आशा प्रदान करती है और विश्वास में अन्त तक बनाए रखती हैं:
स्मरण रखें स्वर्ग का राज्य हमारा है।
जब हम सताव के मध्य में होते हैं, तो हमें व्याकुल नहीं होना है। परन्तु हमें यह स्मरण रखना है कि स्वर्ग का राज्य हमारा है। हमें कैसे ज्ञात है कि स्वर्ग का राज्य हमारा है? क्योंकि यीशु स्वयं कहते हैं “धन्य है वे जो धार्मिकता के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है” (मत्ती 5:10)। हम सताए जाएँगे। जब हम सताए जाते हैं, तो हम शापित नहीं है, परन्तु हम लोग धन्य लोग हैं, क्योंकि हम एक मात्र जीवित परमेश्वर के राज्य के लोग हैं।
स्मरण रखें जीवन का मुकुट हमारा है।
हमें स्मरण रखना है कि कई बार परमेश्वर हमारे जीवनों कष्ट, दुःख, समस्या और सताव को आने देता है, जिससे कि हमारा विश्वास परखा और शुद्ध किया जाए। याकूब अपने सताए हुए विश्वासियों प्रोत्साहित करते हुए कहता है, “धन्य है वह मनुष्य जो परीक्षा के समय स्थिर रहता है, क्योंकि वह खरा निकल कर वह जीवन के उस मुकुट को प्राप्त करेगा जिसे प्रभु ने अपने प्रेम रखने वालों को देने की प्रतिज्ञा की है” (याकूब 1:12)। कई बार सताव इतना घोर होगा कि हमको मृत्यु का भी सामना करना पड़ेगा। यीशु ख्रीष्ट कहते हैं कि “जो क्लेश तू सहने पर है उनसे न डर। देखो, शैतान तुम में से कितनों को बन्द ग्रह में डालने पर है कि तुम परखे जाओ और तुम प्राण देने तक विश्वासी रह, तब मैं तुझे जीवन का मुकुट प्रदान करूँगा (प्रकाशितवाक्य 2:10)।”
इसलिए, हमें मृत्यु तक परमेश्वर प्रति विश्वास योग्य रहना है। जब हम बने रहेंगे, यीशु स्वयं हमको अनन्त जीवन देंगे। जहाँ हमारे जीवन वास्तविक सुख, शांति और चैन मिलेगा। तो हमें सताव का सामना धीरज के साथ विश्वास में बने रहते हुए करें, जिससे कि जीवन के मुकुट प्राप्त कर सकें।
स्मरण रखें कि प्रभु हमारे दुखों को जानते हैं।
जब हम सताव का समाना करते हैं, तो परमेश्वर ने हमारे हाल पर हमको छोड़ नहीं दिया है। परन्तु सब कुछ को देखता व जानता है, और निश्चित रूप से एक दिन वह हमको छुड़ाएगा। जैसा कि निर्गमन में वर्णन है, यहोवा ने कहा “ निश्चय मैंने मिस्र में रहने वाली अपनी प्रजा की पीड़ा को देखा है, और उनकी पुकार पर ध्यान दिया है निर्गमन 3:7।” तो जिस प्रकार परमेश्वर इस्राएलियों को छुड़ाने के लिए आए, वैसे ही एक दिन यीशु ख्रीष्ट आ रहे हैं, अपने लोगों अनन्त छुटकारा करने के लिए। इसलिए हर परिस्थिति में ख्रीष्ट पर भरोसा रखें।
अन्त में, यदि आप सताए जा रहे हैं, सताव का सामना किया है। तो हमें परमेश्वर से शक्ति और ज्ञान माँगना है। हमें प्रार्थना करना है कि हम सुसमाचार में बने रहे। सताव मध्य में हमें अनन्त आशा को थामें रहना है, जो हमें सताव में बने रहने में सामर्थ देता है। परमेश्वर के वचन को पढ़ें और उस पर ही अपना सम्पूर्ण भरोसा रखें। यदि सताव के मध्य किसी भी प्रकार की क्षति व आघात हुआ है, तो हमें अपने शत्रुओं को क्षमा करना चाहिए, क्योंकि प्रभु यीशु ने हमें सिखाया है। हम आपको उत्साहित करना चाहेंगे कि धैर्य, उत्साह और कृतज्ञता के साथ अपने विश्वास बने रहिए, यह जानते हुए कि स्वर्ग में हमारा प्रतिफल महान है।